रविवार, 22 अगस्त 2010

वॉन गॉग

बी.बी.सी.से साभार -

नहीं मिले वॉन गॉग के चित्र

पॉपी फ्लावर्स

वॉन गॉग की यह पेंटिंग क़रीबन पांच करोड़ डॉलर की है

मिस्र के संस्कृति मंत्रालय का कहना है कि जाने माने चित्रकार वॉन गॉग की काहिरा संग्रहालय से चुराई गई करोड़ों की पेंटिंग अभी तक नहीं मिली है.

इससे पहले मिस्र के संस्कृति मंत्री फ़ारुक होस्नी ने कहा था कि इस सिलसिले में काहिरा एयरपोर्ट पर दो इतालवी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है और पेंटिंग बरामद कर ली गई है.

बाद में होस्नी ने कहा कि उन्हें ग़लत जानकारी दी गई थी और यह पेंटिंग अभी भी नहीं मिल सकी है.

वॉन गॉग की इस पेंटिंग की क़ीमत पाँच करोड़ डॉलर आंकी गई है.

होस्नी ने बताया कि पॉपी फ्लावर्स और वेस एंड फ्लावर्स के नाम से मशहूर इस पेंटिंग को उसके फ्रेम से काट कर चुरा लिया गया है.

यह पेंटिंग महमूद खलील संग्रहालय से शनिवार को चोरी हुई है.

सरकारी समिति मेना के अनुसार उन सभी लोगों की जांच की जा रही है जो संग्रहालय में प्रदर्शनी देखने आए थे.

जिन दो इतालवी नागरिकों को हवाई अड्डे पर पकड़ा गया था उन्हें शक के आधार पर गिरफ़्तार किया गया क्योंकि वो संग्रहालय के टॉयलेट में जाने के बाद तुरंत संग्रहालय से निकल गए थे.

उधर इटली की समाचार एजेंसी अनसा का कहना है कि ये दोनों इतालवी जवान हैं और गैलरी जाने वाले एक टूर ग्रुप का हिस्सा थे.

अभी ये साफ नहीं है कि इन दोनों इतालवी नागरिकों को रिहा किया गया है.

होस्नी ने एक बयान जारी कर कहा है कि शनिवार को सिर्फ़ दस लोग संग्रहालय में गए थे और पेंटिंग की चोरी की जांच चल रही है.

वॉन गॉग की यही तस्वीर इससे पहले 1978 में इसी संग्रहालय से चोरी हुई थी जो दस साल बाद कुवैत में मिली.

इस चोरी के बाद संग्रहालय के कर्मचारियों से पूछताछ हो रही है और साथ ही मिस्र के हवाई यातायात, जल यातायात और सड़क यातायात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.

यह चित्र 30 गुना 30 सेंटीमीटर के बोर्ड पर है जिसमें लाल और पीले फूल बने हैं. यह तस्वीर विन्सेंट वॉन गॉग ने 1887 में बनाई थी जिसके तीन वर्ष बाद उन्होंने आत्महत्या कर ली थी.

महमूद खलील संग्रहालय महमूद खलील नामक एक राजनेता ने 1930 में बनवाया था और इस संग्रहालय में वॉन गॉग के अलावा मॉनेट, रेनॉयर और देगास के चित्र भी हैं.

1 टिप्पणी:

ब्लॉग आर्काइव

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
GHAZIABAD, Uttar Pradesh, India
कला के उत्थान के लिए यह ब्लॉग समकालीन गतिविधियों के साथ,आज के दौर में जब समय की कमी को, इंटर नेट पर्याप्त तरीके से भाग्दौर से बचा देता है, यही सोच करके इस ब्लॉग पर काफी जानकारियाँ डाली जानी है जिससे कला विद्यार्थियों के साथ साथ कला प्रेमी और प्रशंसक इसका रसास्वादन कर सकें . - डॉ.लाल रत्नाकर Dr.Lal Ratnakar, Artist, Associate Professor /Head/ Department of Drg.& Ptg. MMH College Ghaziabad-201001 (CCS University Meerut) आज की भाग दौर की जिंदगी में कला कों जितने समय की आवश्यकता है संभवतः छात्र छात्राएं नहीं दे पा रहे हैं, शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के साथ प्रयोग और विश्वविद्यालयों की निति भी इनके प्रयोगधर्मी बने रहने में बाधक होने में काफी महत्त्व निभा रहा है . अतः कला शिक्षा और उसके उन्नयन में इसका रोल कितना है इसका मूल्याङ्कन होने में गुरुजनों की सहभागिता भी कम महत्त्व नहीं रखती.