सोमवार, 12 अप्रैल 2010

इस किताब में पूरी घटना है -





चित्रकला विभाग एम्.एम्.एच. कालेज गाजियाबाद के स्नातकोत्तर वर्ष १९७४ और उससे पहले की घटना है जो पता मुझे इस लिंक के कारन मिला उससे तो दृष्टि ही बदल गयी यहाँ के क्रिया कलापों के बारे में जानकर , जब बात चीत से पता चला की इस विभाग के भाग्य में कितने अभागे लोगों को झेलना लिखा होगा, कब होगा कायाकल्प इस विभाग का तो रोंगटे खड़े हो जाते है -ऐसी ही एक घटना घटती है जिसमे एक कलाकार कला से बिमुख होता है और काल्पनिक प्रोफ़ेसर राठी - अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहे है और जाते जाते भी चरित्र अपना नहीं ठीक कर पा रहे है|
इस किताब में पूरी घटना है -

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GHAZIABAD, Uttar Pradesh, India
कला के उत्थान के लिए यह ब्लॉग समकालीन गतिविधियों के साथ,आज के दौर में जब समय की कमी को, इंटर नेट पर्याप्त तरीके से भाग्दौर से बचा देता है, यही सोच करके इस ब्लॉग पर काफी जानकारियाँ डाली जानी है जिससे कला विद्यार्थियों के साथ साथ कला प्रेमी और प्रशंसक इसका रसास्वादन कर सकें . - डॉ.लाल रत्नाकर Dr.Lal Ratnakar, Artist, Associate Professor /Head/ Department of Drg.& Ptg. MMH College Ghaziabad-201001 (CCS University Meerut) आज की भाग दौर की जिंदगी में कला कों जितने समय की आवश्यकता है संभवतः छात्र छात्राएं नहीं दे पा रहे हैं, शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के साथ प्रयोग और विश्वविद्यालयों की निति भी इनके प्रयोगधर्मी बने रहने में बाधक होने में काफी महत्त्व निभा रहा है . अतः कला शिक्षा और उसके उन्नयन में इसका रोल कितना है इसका मूल्याङ्कन होने में गुरुजनों की सहभागिता भी कम महत्त्व नहीं रखती.