सोमवार, 10 सितंबर 2012

Classical Art


HISTORY OF EUROPEAN PAINTING

COURSE XIth. 

History of European Painting (Classical to Early Renaissance)

ObjectiveThe purpose of the study of European Art is to enable the students to see the wood 

rather than the trees
.
Unit I – Classical Art (15 Hrs.)

(a) Greek Art (b) Roman Art

Unit II- Medieval Period (15 Hrs.)

(a) Early Christian Art (b) Byzantine Art (c) Gothic Art

Unit III- Early Renaissance (15 Hrs,)

Early Renaissance in Florence -Giotto, Masaccio, Botticelli

Unit IV-Early Renaissance in Germany, Spain and Netherland. (15 Hrs.)

(a) Durer (b) El Greco (c) Van Eyck brothers.


http://www.amazon.com/Classical-Art-Greece-Oxford-History/dp/0192842374?&linkCode=waf&tag=collectiveartisan-20

http://www.collectiveartisan.com/art-history/roman-art/


यूरोप का क्लासिकल आर्ट (यूरोपीय शास्त्रीय कला)


सांस्कृतिक दुनिया के सर्वाधिक विकसित देशों में ग्रीक और रोम  का अपना हजारों वर्ष पुराना इतिहास है जो 

कला के विभिन्न स्वरूपों में आज भी हमारे सम्मुख मौजूद है, आर्किटेक्चर, स्कल्पचर और चित्रों के अवशेष 

जो रूप हमें प्रस्तुत करते हैं उससे तत्कालीन कला साम्राज्य की विशाल समझ और साहसपूर्ण रचना कर्मों से 

हमें रूबरू करते हैं -





































कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

मेरे बारे में

मेरी फ़ोटो
GHAZIABAD, Uttar Pradesh, India
कला के उत्थान के लिए यह ब्लॉग समकालीन गतिविधियों के साथ,आज के दौर में जब समय की कमी को, इंटर नेट पर्याप्त तरीके से भाग्दौर से बचा देता है, यही सोच करके इस ब्लॉग पर काफी जानकारियाँ डाली जानी है जिससे कला विद्यार्थियों के साथ साथ कला प्रेमी और प्रशंसक इसका रसास्वादन कर सकें . - डॉ.लाल रत्नाकर Dr.Lal Ratnakar, Artist, Associate Professor /Head/ Department of Drg.& Ptg. MMH College Ghaziabad-201001 (CCS University Meerut) आज की भाग दौर की जिंदगी में कला कों जितने समय की आवश्यकता है संभवतः छात्र छात्राएं नहीं दे पा रहे हैं, शिक्षा प्रणाली और शिक्षा के साथ प्रयोग और विश्वविद्यालयों की निति भी इनके प्रयोगधर्मी बने रहने में बाधक होने में काफी महत्त्व निभा रहा है . अतः कला शिक्षा और उसके उन्नयन में इसका रोल कितना है इसका मूल्याङ्कन होने में गुरुजनों की सहभागिता भी कम महत्त्व नहीं रखती.